Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Dec 2019 · 1 min read

ढूँढते ढूँढ़ते यूँ ख़ुदा मिल गया

जो कभी था मेरा वो बिका मिल गया
ज़िंदगी का अज़ब ये सिला मिल गया

थे कभी लब पे चर्चे हमारे मगर
आज चर्चा ही लब पे ज़ुदा मिल गया

कल तलक शान-ओ-शौक़त से था जिया
आज मिट्टी में वो भी पड़ा मिल गया

बन गए सब के घर अब रुई के यहाँ
हाथ में आग ले, वो खड़ा मिल गया

माँगता खूब था रब से वो ज़िंदगी
आपका यूँ वहाँ से पता मिल गया

वक़्त रहते कभी जो न मेरा हुआ
दर पे वो भी किसी के खड़ा मिल गया

नज़रे तेरी मुझे सब बयाँ कर रही
नाम का तेरे इक क़ाफ़िया मिल गया

बंद हाथों में उसके था क्या क्या यहाँ
सोचते – सोचते कुछ नया मिल गया

हम चले है सफर में अकेले तो क्या
ढूँढते – ढूँढते यूँ ख़ुदा मिल गया

-आकिब जावेद

1 Like · 224 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Akib Javed
View all
You may also like:
रमेशराज की कहमुकरी संरचना में 10 ग़ज़लें
रमेशराज की कहमुकरी संरचना में 10 ग़ज़लें
कवि रमेशराज
सुहागन की अभिलाषा🙏
सुहागन की अभिलाषा🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
..
..
*प्रणय*
ये अश्क भी बे मौसम बरसात हो गए हैं
ये अश्क भी बे मौसम बरसात हो गए हैं
Gouri tiwari
जीवन पथ पर चलते जाना
जीवन पथ पर चलते जाना
नूरफातिमा खातून नूरी
आजादी दिवस
आजादी दिवस
लक्ष्मी सिंह
★
पूर्वार्थ
कर्म
कर्म
इंजी. संजय श्रीवास्तव
प्रतीक्षा
प्रतीक्षा
surenderpal vaidya
दिली नज़्म कि कभी ताकत थी बहारें,
दिली नज़्म कि कभी ताकत थी बहारें,
manjula chauhan
चाँद
चाँद
ओंकार मिश्र
मैं सदा चलता रहूंगा,
मैं सदा चलता रहूंगा,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
बेपरवाह
बेपरवाह
Omee Bhargava
लम्हें संजोऊ , वक्त गुजारु,तेरे जिंदगी में आने से पहले, अपने
लम्हें संजोऊ , वक्त गुजारु,तेरे जिंदगी में आने से पहले, अपने
Dr.sima
अद्भुत है ये वेदना,
अद्भुत है ये वेदना,
sushil sarna
कबूतर
कबूतर
Vedha Singh
हम पर कष्ट भारी आ गए
हम पर कष्ट भारी आ गए
Shivkumar Bilagrami
महामहिम राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू जी
महामहिम राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू जी
Seema gupta,Alwar
सूनी आंखों से भी सपने तो देख लेता है।
सूनी आंखों से भी सपने तो देख लेता है।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
*शरीर : आठ दोहे*
*शरीर : आठ दोहे*
Ravi Prakash
3726.💐 *पूर्णिका* 💐
3726.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
आप रखिए ख़्याल बस अपना,
आप रखिए ख़्याल बस अपना,
Dr fauzia Naseem shad
मित्रता तुम्हारी हमें ,
मित्रता तुम्हारी हमें ,
Yogendra Chaturwedi
तेरी सारी बलाएं मैं अपने सर लेंलूं
तेरी सारी बलाएं मैं अपने सर लेंलूं
Rekha khichi
Someone Special
Someone Special
Ram Babu Mandal
जीवन में आगे बढ़ जाओ
जीवन में आगे बढ़ जाओ
Sonam Puneet Dubey
" गुजारिश "
Dr. Kishan tandon kranti
धर्म जब पैदा हुआ था
धर्म जब पैदा हुआ था
शेखर सिंह
" मन मेरा डोले कभी-कभी "
Chunnu Lal Gupta
दिल में दर्द है हल्का हल्का सा ही सही।
दिल में दर्द है हल्का हल्का सा ही सही।
Ashwini sharma
Loading...