ड्रग्स रोक
26 जून
मादक द्रव्यों के इस्तेमाल
और
अवैध व्यापार पर रोक दिवस
पर मनी भाई की
विशेष कविता :-
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छुट चली अब वो हाथों की अंगुलियाँ ।
अब छुप बैठा है ,जानें किस गलियाँ ?
नशे की आदी होता, युवा पीढ़ी ।
देश कैसे चढ़ेंगी ? विकास सीढ़ी ।
कहीं सफेद चूर्ण , तो कहीं सुइयाँ ।
कालरूप बनी, नशीली दवाइयाँ ।
कोई खाता- पीता, और सूँघता ।
कुछ पल निश्चिंत होके स्फूरित होता।
पर यह नहीं , खुशी मनाने का तौर।
युवा उमर , गुमराह होने का दौर।
तेरी लत ,तुझ संग, घर ले डुबेगी।
ड्रग्स का कतरा , जिस्म को नोचेगी।
आज ड्रग्स बना है ,अवैध व्यापार ।
तस्करी रोक, तू पहल कर सरकार।
गलत सोहबत में, अब देश का बच्चा।
विकसित देश का ख्वाब,ना रहे कच्चा।
बंद करें मादक द्रव्यों का इस्तेमाल ।
तभी राष्ट्र सुरक्षित और हो निहाल ।
✒ ( रचयिता :- मनी भाई )
[भौंरादादर, बसना, महासमुंद, छग ]
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