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7 Oct 2020 · 1 min read

डोर

डोर

1.तू चंदा मैं चकोर
दोनों बँधे प्रेम की डोर
तकता रहता तेरी ओर
तुम बिन मेरा कही न ठोर

2.रिश्तों की डोर होती नाज़ुक
जो चटकी तो जुड़ती नहीं
क़िस्मत से जुड़ भी गई तो
एक गाँठ रह जाती दरमियाँ

3.मेरी ख़्वाहिशों की पतंग
उड़ चली गगन की ओर
जी लेने दो मुझको भी
न काटो मेरे सपनों की डोर

Language: Hindi
237 Views

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