डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
तुम क्या समझते हो जिंदगी को – मात्र सांस लेना सुबह शाम रोटी खाना और चलो छोड़ो बहुत कह दिया – कभी आस पास देखना किसी का सहारा बनना किसी के सहायक होना – चलो ये भी न सही – किसी से दो चार पल उसके दुख दर्द का हाल चाल ही ले लेना – इतना तो कर ही सकते हो – आज कल तो मोबाईल पे वॉयस काल अनलिमिटेड हैं ना