डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
कर्तव्यों के साधन उपलब्ध होते नहीं
मनमानी करने वाले सिद्ध होते तो क्या होगा
जीवन जीना एक कला होती है ये तो ज्ञात होगा ही
अपितु जीवन जीना आता कहाँ सबको
कोई पार हुआ या नहीं क्या पता हम सबको ।
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
कर्तव्यों के साधन उपलब्ध होते नहीं
मनमानी करने वाले सिद्ध होते तो क्या होगा
जीवन जीना एक कला होती है ये तो ज्ञात होगा ही
अपितु जीवन जीना आता कहाँ सबको
कोई पार हुआ या नहीं क्या पता हम सबको ।