डॉक्टरी पढ़ाई में ईमानदारिता
अपने बच्चों को आप रूस से डॉक्टरी पढ़ाइये या एम्स से ! बशर्त्ते, उसे डॉक्टरी आनी चाहिए ! मेरे लिए उमा डॉक्टर ही ठीक थे, जो पढ़े कहीं नहीं थे, अभ्यास के दम पर सटीक दवा देते थे और इंजेक्शन देने में उन्हें महारत हासिल था, हम उफ तक नहीं कहते थे और हमें पड़ गयी सूई !
रूस से डॉक्टरी पढ़कर आये, मेरे सम्बन्धी के पुत्र यहाँ के एंट्रेंस में दो बार फेल हो चुके हैं ! बाप माथा पकड़ लिए हैं, उनका नर्सिंग होम अब कैसे चलेगा? जिनका ट्रेनिंग लिया है, उस पर अगर पकड़ नहीं हो तो !
इस पर कुछ कहेंगे गुलेरिया साहब ! जरा डब्ल्यू एच ओ से पूछ लीजिए ! वास्तव में डॉक्टरी पढ़ाई में ईमानदारिता की जरूरत है।