डिजिटल इंडिया और पाँच सौ का नोट
#Digital_India पर व्यंग्य ?
छोटे दुकानदार के पास अगर ग्राहक
#पाँच_सौ या #दो_हजाररुपये का नोट.
लेकर पहुंचता है तो ये मत समझना
#ग्राहक के पैसे हैं.
बल्कि उधार के हैं.
#salary तनख्वाह की कोई #गारंटी
रही ही नहीं.
#पैसा या #आफत
खुले दुकानदार पर भी नहीं.
आप #दो_हजार के नोट की बात करते हो.
आप #तीस_चालिस रुपये के सामान के लिये
#किंकर्तव्यविमूढ़ #उहापोह की स्थिति में आ जाते हो.
ATM पर कतार
उससे निकलते नकली वा फट्टे नोट
आपको सुकून अवश्य देता होगा..
#समाधान #प्रायोगिक_Manual ही होगा.
आपको ATM या बैंक जाकर शिकायत ???
आपने #विज्ञान जैसे विषय #निजी हाथों में देकर
*पल्ला झाड़ती #सरकारें
विद्यार्थियों एवं बेरोजगारों पर कसते
#तंज वा #फब्तियां सोच लो !
व्यवस्थाओं में असफल सरकार !
कहीं हमारे वोट देकर चुनाव में ✍️
सिर्फ़ #धर्म_स्थापित कर सकती हैं.
#व्यवस्था के नाम पर सिर्फ #होर्डिंग
धन्य है माँ भारती !
अपने कर्णधारों पर नाज भी !
#जीवन_एक_अभिव्यक्ति
डॉक्टर महेन्द्र सिंह हंस