Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Nov 2020 · 1 min read

डाला है कोरोना ने व्यवधान

डाले है कोरोना ने जीवन में व्यवधान,
कभी न कभी होगा,इनका भी समाधान।

करते नहीं थे कभी,जो भगवान को याद,
आज सब कर रहे,उस भगवान को याद।

हैवान बन चुका था,आज का ये इन्सान,
कोरोना ने निकाल दी है उन सबकी जान।

शायद ले रहा हो,भगवान ये सबका इम्तिहान,
सज्जन पुरुष ही पास कर पाएंगे ये इम्तिहान।

मास्क नहीं पहनोगे तो,कोरोना से होगी पहचान,
अच्छा होगा इसे न बनाओ घर में तुम मेहमान।

कोरोना हो गया है आज बडा ही शैतान,
इसने ले ली है करोड़ों व्यक्तियों की जान।

चारो तरफ मचा है,विश्व में बहुत कोहराम,
पकड़ में नहीं आ रहा,ये कोरोना शैतान।

मेहमान बनकर आया इस दुनिया मे इंसान,
समय कम है कर ले बन्दे कुछ अच्छे काम।

आर के रस्तोगी
गुरुग्राम

Language: Hindi
204 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ram Krishan Rastogi
View all
You may also like:
भिखारी का बैंक
भिखारी का बैंक
Punam Pande
सृजन
सृजन
Rekha Drolia
बॉलीवुड का क्रैज़ी कमबैक रहा है यह साल - आलेख
बॉलीवुड का क्रैज़ी कमबैक रहा है यह साल - आलेख
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
हिचकी
हिचकी
Bodhisatva kastooriya
हर हाल मे,जिंदा ये रवायत रखना।
हर हाल मे,जिंदा ये रवायत रखना।
पूर्वार्थ
हिंदीग़ज़ल में होता है ऐसा ! +रमेशराज
हिंदीग़ज़ल में होता है ऐसा ! +रमेशराज
कवि रमेशराज
नारी
नारी
Prakash Chandra
दोस्त
दोस्त
Neeraj Agarwal
क्यों मानव मानव को डसता
क्यों मानव मानव को डसता
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
********* बुद्धि  शुद्धि  के दोहे *********
********* बुद्धि शुद्धि के दोहे *********
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
शायद आकर चले गए तुम
शायद आकर चले गए तुम
Ajay Kumar Vimal
तुंग द्रुम एक चारु 🌿☘️🍁☘️
तुंग द्रुम एक चारु 🌿☘️🍁☘️
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
"तिलचट्टा"
Dr. Kishan tandon kranti
परम प्रकाश उत्सव कार्तिक मास
परम प्रकाश उत्सव कार्तिक मास
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
हैप्पी न्यू ईयर 2024
हैप्पी न्यू ईयर 2024
Shivkumar Bilagrami
खंड 8
खंड 8
Rambali Mishra
* फागुन की मस्ती *
* फागुन की मस्ती *
surenderpal vaidya
राम आ गए
राम आ गए
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
2637.पूर्णिका
2637.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
सत्य की खोज
सत्य की खोज
Surya Barman
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Phool gufran
*चुनावी कुंडलिया*
*चुनावी कुंडलिया*
Ravi Prakash
राममय जगत
राममय जगत
बिमल तिवारी “आत्मबोध”
हर सीज़न की
हर सीज़न की
*Author प्रणय प्रभात*
पहले नाराज़ किया फिर वो मनाने आए।
पहले नाराज़ किया फिर वो मनाने आए।
सत्य कुमार प्रेमी
आभार
आभार
Sanjay ' शून्य'
निगाहें के खेल में
निगाहें के खेल में
Surinder blackpen
यादों की शमा जलती है,
यादों की शमा जलती है,
Pushpraj Anant
ज़ब तक धर्मों मे पाप धोने की व्यवस्था है
ज़ब तक धर्मों मे पाप धोने की व्यवस्था है
शेखर सिंह
होली के कुण्डलिया
होली के कुण्डलिया
Vijay kumar Pandey
Loading...