डायरी में शायरी…
खाश बहुत वो लोग समझना, पढ़लें चेहरा जो आपका।
मित्र उन्हीं को सिर्फ़ बनाना, रिश्ता गहरा हो आपका।।//1
मीठी बातें करनेवाले, बहुत मिलेंगे हँस राह में।
मगर न भूले से भी ‘प्रीतम’, रहना मत उनकी चाह में।।//2
मेरे आँसू बहे देखकर, इसलिए हँसे संसार है।
क्योंकि मेरा दुख ही उनकी, सब ख़ुशियों का आधार है।।//3
दर्द माँजता आया दिल को, भूल निराशा से प्यार तू।
सोच बड़ा कुछ करने का अब, ले रहा नया आकार तू।।//4
बुरा किसी का मत मान ज़रा, मान सिर्फ़ इक उपकार तू।
वो अपनी फ़ितरत दिखा रहा, दिखा स्वयं का व्यवहार तू।।//5
आर. एस. ‘प्रीतम’