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आचार्य सदानन्द पाल
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24 Jun 2021 · 1 min read
डाकिये को मालूम !
डाकिये को मालूम,
मेरा कोई नहीं है
पता;
क्योंकि
मैं हूँ अघोषित
या
सच में लापता !
Language:
Hindi
Tag:
कविता
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· 196 Views
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