डर
इतना अच्छा आप से मिलकर लगे
हिज्र की बातें सुनूं तो डर लगे
मुस्कुराहट भी तुम्हारी कम नहीं
पर हंसी तो और भी सुन्दर लगे
धड़कनों में तेरा कारोबार है
मुझको मेरा दिल तेरा दफ़्तर लगे
तुम मुझे अच्छे लगे हो इस तरह
बेघरों को जैसे अच्छा घर लगे
…शिवकुमार बिलगरामी