डर के आगे जीत।
डर के आगे जीत।
विपदा से क्यों यारो डरना
बाधाओं को नहीं ठहरना,
आना-जाना ही सुख-दुःख का जीवन की है रीत
डर के आगे जीत।
अपने पंखों से नभ नापो
तूफानों को देख न काँपो,
हिम्मत वाले ही सुन पाते हैं अम्बर के गीत
डर के आगे जीत।
जो डरता जग उसे डराता
कभी न कायर मंजिल पाता,
बाँध कफन सर लिया अगर तो दुश्मन बनते मीत
डर के आगे जीत।
जिसने भी है डर को छोड़ा
चक्रव्यूह हर उसने तोड़ा,
विजय तभी तो उससे करती जीवन-पथ पर प्रीत
डर के आगे जीत।
अनिल मिश्र प्रहरी ।