डरना कैसा ?
इरादे नेक हैं ना ?
तो डरना कैसा ?
मुहब्बत की है ?
तो मरना कैसा ?
वादे कर लिए ना ?
7 जनमों वाले
दिल से किये ?
तो मुकरना कैसा ?
तुम्हारी सादगी पर
मरते हैं ना वो ?
तो जमाने के सामने
यूं संवरना कैसा ?
उनकी बाहों का सुकूं
कहीं और नहीं ?
तो गैरों की पलकों
मे़ं बिखरना कैसा ?
बिना उनके हर गली
वीरान लगने लगी ना ?
उनके बिना कोई राह ?
अब गुजरना कैसा ?