नूर ए हुस्न
आपके चेहरे के नूर के आगे
सब सादा सा लगता है,
है तो वो पूनम का चांद पर
आपके सामने आधा सा लगता है।।
बातें आपकी सबको दीवाना बनाती हैं,
हंसी ऐसी जो बिजलियाँ गिराती है।
कैसे बताऊँ मैं आपको – आपके जलवे,
आप तो नजरों से ही पानी में आग लगातीं हैं।।
शर्म से सिर को झुका लेना,
फिर मन्द-मन्द मुस्का देना।
आपके लिए यह कितना आसान है,
सबपर बिजली का कहर बरसा देना।।
एक दूसरे में लिपटे आपके बाल हैं,
काम ऐसा करती हैं जैसे बिना कपडे की रुमाल है।
आपसे जुड़े सारे एहसास कमाल हैं,
आपकी अदाएँ तो एक नम्बर बवाल हैं।।
©अभिषेक पाण्डेय अभि