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14 May 2023 · 1 min read

ठोकर

ठोकर
जो सिखाती है,
आगे बढ़ना।
ढकेलने से बचा लेती है,
गड्ढों में।
जिसमें भरी हुई है,
नीरसता,उबकाई,
तैयार है,
समा जाने को
अंतः मन में।
बचा लेगी
ठोकर,
जाने से
गड्ढों में।

1 Like · 198 Views
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