Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Jul 2023 · 1 min read

*ठेला (बाल कविता)*

ठेला (बाल कविता)

बाजारों की शोभा ठेला
बिकता इस पर आलू-केला
मूॅंगफली ठेले पर आई
चाट-पकौड़ी सब ने खाई
हाथों से है इसे चलाते
दिन भर लिए घूमते जाते

रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451

512 Views
Books from Ravi Prakash
View all

You may also like these posts

लड़ाई बड़ी है!
लड़ाई बड़ी है!
Sanjay ' शून्य'
*सीधे-सादे चलिए साहिब (हिंदी गजल)*
*सीधे-सादे चलिए साहिब (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
कलयुग के बाबा
कलयुग के बाबा
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
वंदना
वंदना
Rajesh Kumar Kaurav
इंसानियत
इंसानियत
Sunil Maheshwari
रंगीन हुए जा रहे हैं
रंगीन हुए जा रहे हैं
हिमांशु Kulshrestha
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
सिलसिला
सिलसिला
Ruchi Sharma
कुछ कल्पना ,कुछ हकीकत
कुछ कल्पना ,कुछ हकीकत
Dr.sima
सच्ची होली
सच्ची होली
Mukesh Kumar Rishi Verma
किसी के सम्मान या
किसी के सम्मान या
*प्रणय*
बेरोजगार युवाओं का दर्द।
बेरोजगार युवाओं का दर्द।
Abhishek Soni
4354.*पूर्णिका*
4354.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
लोकतंत्र तभी तक जिंदा है जब तक आम जनता की आवाज़ जिंदा है जिस
लोकतंत्र तभी तक जिंदा है जब तक आम जनता की आवाज़ जिंदा है जिस
Rj Anand Prajapati
गरीब की आरजू
गरीब की आरजू
Neeraj Agarwal
दलित साहित्य के महानायक : ओमप्रकाश वाल्मीकि
दलित साहित्य के महानायक : ओमप्रकाश वाल्मीकि
Dr. Narendra Valmiki
मैंने अपनी तन्हाई में
मैंने अपनी तन्हाई में
Chitra Bisht
दूल्हे की चढ़त
दूल्हे की चढ़त
C S Santoshi
आप में आपका
आप में आपका
Dr fauzia Naseem shad
आखिर तेरे इस हाल का, असल कौन जिम्मेदार है…
आखिर तेरे इस हाल का, असल कौन जिम्मेदार है…
Anand Kumar
गीत
गीत
अवध किशोर 'अवधू'
"जमीं छोड़ आसमां चला गया ll
पूर्वार्थ
"सदा से"
Dr. Kishan tandon kranti
बारिश
बारिश
मनोज कर्ण
-खाकर कसम में कहता हु कुछ भी में ना कर पाता -
-खाकर कसम में कहता हु कुछ भी में ना कर पाता -
bharat gehlot
किसी का साथ देना सीखो
किसी का साथ देना सीखो
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
सीपी में रेत के भावुक कणों ने प्रवेश किया
सीपी में रेत के भावुक कणों ने प्रवेश किया
ruby kumari
मै (अहम) का ‘मै’ (परब्रह्म्) से साक्षात्कार
मै (अहम) का ‘मै’ (परब्रह्म्) से साक्षात्कार
Roopali Sharma
दो साँसों के तीर पर,
दो साँसों के तीर पर,
sushil sarna
हमसफ़र
हमसफ़र
Sudhir srivastava
Loading...