ठीक नही है ,
होठो के पलको पर बारिश की बूंदे ठीक नही है ,
यू तुम्हारा चहकना इरादों का नेक नही है ,
खूबसूरत हो , हुस्न की परी हो , फिर भी पागल हो ,ये ठीक नही है ,
यू रात के पहर में धड़कनों में समाना ठीक नही ।
होठो के पलको पर बारिश की बूंदे ठीक नही है ,
यू तुम्हारा चहकना इरादों का नेक नही है ,
खूबसूरत हो , हुस्न की परी हो , फिर भी पागल हो ,ये ठीक नही है ,
यू रात के पहर में धड़कनों में समाना ठीक नही ।