ठीक नहीं ।
यूं हर वक्त खफा हो जाना ठीक नहीं,
मेरा नाम लिख कर के मिटाना ठीक नहीं,
आती हैं कई मुश्किलें राह –ए – जिंदगी में,
यूं ज़रा सी ठोकर से घबराना ठीक नहीं।
गर खफा हैं चंद लोग तो होने दो,
यूं हर किसी को मनाना ठीक नहीं।
चलोगे फूलों की राह में तो कांटे भी आयेंगे,
यूं घबरा कर वापस लौट जाना ठीक नहीं।
रख जीतने की हिम्मत हारेंगी मुश्किलें,
यूं ज़रा सी बात पर टूट जाना ठीक नहीं।
©अभिषेक पाण्डेय अभि