ठिकाना
ठिकाना
दुनिया से चले जाने वालों का
ठिकाना पता हो तो बता दो ना
कहते हैं भगवान के घर चला गया
उसके घर का ही पता बता दो ना
वो तो घर की बगिया का माली था
माली था तो घर में खुशियां थी
जाने से उसके खुशियां कहीं खो गयी
खुशियों का पता, पता हो तो बता दो ना
बिन पतझर के चेहरे मुरझा से गये हैं
गमी के बादल छा से गये हैं
सूखे मौसम में बिन सावन बरसात
कैसे होती है पता हो तो बता दो ना
घर से रूठ कर चला जाता है कोई
मनाने से वो वापिस घर आ जाता है
दुनिया से रूठ कर जाने वालों को
मनाने का तरीका पता है तो बता दो ना
वीर कुमार जैन