ठिकरा फोड़ना
ये मोहन की असफलताओं के ही तो ठिकरे हैं, जो फूट रहे है, पड़ोसी देश, पड़ोसी ही है, गैर सम्प्रदायी सब देश के नागरिक, न कुछ मुस्लिम समुदाय का बिगड़ा, न किसी विदेशी के.
मेरे देश की संपत्ति और संपदा, सरकारी नियमन से बाहर हुई,
जिनका उद्देश्य मुनाफा कमाने का रहेगा,
न की देश के सामाजिक/धार्मिक/आर्थिक/राजनैतिक/लोकतांत्रिक/संवैधानिक अधिकारों की रक्षा करना.