ठान ले तो हर निःशक्त को सशक्त बना दे आज
।। रख लो मेरी लाज।।
मैं सेरेब्रल पाल्सी से पीड़ित रख लो मेरी लाज
मुझको भी उपलब्ध करा दो सस्ता, सुंदर इलाज।
मैं भी बो सकूं खेतों में अनाज
उपलब्धियों पर अपनी कर सकूं नाज
ललकार सकूं आसमां में उड़ते बाज
स्वयं कर सकूं अपने सब कामकाज
मैं सेरेब्रल पाल्सी से पीड़ित रख लो मेरी लाज
मुझको भी उपलब्ध करा दो सस्ता, सुंदर इलाज।
चाहे तो क्या नहीं कर सकता परोपकारी समाज
ठान ले तो हर निःशक्त को सशक्त बना दे आज
मैं भी बजाना चाहता हूं प्रेम-शांति के साज
पाना चाहता हूं ऑस्कर, नोबल जैसे ताज
मैं सेरेब्रल पाल्सी से पीड़ित रख लो मेरी लाज
मुझको भी उपलब्ध करा दो सस्ता, सुंदर इलाज।
लाइलाज बीमारी कह कर गिराओ न मुझपर गाज
नए आविष्कारों से खोल दो बीमारियों के सारे राज।
ज्यादा कहने को नहीं हैं मेरे पास अल्फाज़
आप स्वयं ही लगा लें गंभीरता का अंदाज
और मिटा दें लाइलाज बीमारियों की खाज़
मैं सेरेब्रल पाल्सी से पीड़ित रख लो मेरी लाज
मुझको भी उपलब्ध करा दो सस्ता, सुंदर इलाज।
स्वरचित—- आशीष श्रीवास्तव, भोपाल मप्र
8871584907
ashish35.srivastava@yahoo.in