ठहर जाओ बादल प्यारे
सुनो हमारे मन का आह्वान,
अर्ज करते हम किसान,
देखो गलने लगी फसल,
ठहर जाओ ऐ प्यारे बादल,
धरती जलमग्न ताके अम्बर,
पानी से भींग रहे तर बतर,
किसी के हैं अरमान अधूरे,
कैसे होंगे उनके सपने पूरे,
ले लो आँसुओ की सौगात,
रोक दो अब तुम ये बरसात,
बुझ चुकी है सबकी प्यास,
पूरी करो अब तो यह आस ,
ठहर जाओ बादल प्यारे,
कर दो सबके अरमान पूरे,
।। जेपीएल।।।