Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Jan 2024 · 1 min read

टॉम एंड जेरी

मुझको है कार्टून में, जेरी बहुत पसंद।
सोच रही हूँ आज मैं, लिख दूँ दोहा छंद।।

जेरी छोटा सा मगर, बहुत बड़ा शैतान।
टाँगे खींचे टॉम की,पर बनता नादान।
एक दूसरे का सदा, जीना करे हराम-
जानी दुश्मन हैं मगर, इक दूजे के जान।

दाँत कटी ये दोस्ती,है रसना गुलकंद।
मुझको है कार्टून में, जेरी बहुत पसंद। ।

भागम-भागी में सदा, जेरी जाता जीत।
हार-जीत देखो नहीं, देखो उनकी प्रीत।
टॉम बिना जेरी नहीं, जेरी बिन न टॉम-
झगड़ा करते वे मगर, गाते मिलकर गीत।

सभी हरकते अटपटी ,कभी न करता बंद।
मुझको है कार्टून में, जेरी बहुत पसंद।

टॉम एंड जेरी कहो,दोनों दोस्त कमाल।
इन दोनों की दोस्ती,जग में बनी मिशाल।
दोनों की चालाकियाँ, लगती है दिलचस्प,
छेड़छाड़ शैतानियाँ, दौनो करे धमाल।

लोट-पोट हँसकर हुए, पाये अति आनंद।
मुझको है कार्टून में,जेरी बहुत पसंद।
वेधा सिंह

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 1 Comment · 207 Views
Books from Vedha Singh
View all

You may also like these posts

जो लिख रहे हैं वो एक मज़बूत समाज दे सकते हैं और
जो लिख रहे हैं वो एक मज़बूत समाज दे सकते हैं और
Sonam Puneet Dubey
मैं तुझसे बेज़ार बहुत
मैं तुझसे बेज़ार बहुत
Shweta Soni
रुकना नहीं चाहता कोई
रुकना नहीं चाहता कोई
Shriyansh Gupta
ज़िंदगी में वो भी इम्तिहान आता है,
ज़िंदगी में वो भी इम्तिहान आता है,
Vandna Thakur
बस मुझे मेरा प्यार चाहिए
बस मुझे मेरा प्यार चाहिए
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
कुछ बेशकीमती छूट गया हैं तुम्हारा, वो तुम्हें लौटाना चाहता हूँ !
कुछ बेशकीमती छूट गया हैं तुम्हारा, वो तुम्हें लौटाना चाहता हूँ !
The_dk_poetry
दोस्ती जीवन भर का साथ
दोस्ती जीवन भर का साथ
Rekha khichi
#हे राम तेरे हम अपराधी
#हे राम तेरे हम अपराधी
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
2590.पूर्णिका
2590.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
क्या वाकई हिंदुस्तान बदल रहा है?
क्या वाकई हिंदुस्तान बदल रहा है?
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
रिसाय के उमर ह , मनाए के जनम तक होना चाहि ।
रिसाय के उमर ह , मनाए के जनम तक होना चाहि ।
Lakhan Yadav
ज़ब तक धर्मों मे पाप धोने की व्यवस्था है
ज़ब तक धर्मों मे पाप धोने की व्यवस्था है
शेखर सिंह
उनकी ख्यालों की बारिश का भी,
उनकी ख्यालों की बारिश का भी,
manjula chauhan
মহাদেবের কবিতা
মহাদেবের কবিতা
Arghyadeep Chakraborty
..
..
*प्रणय*
*टूटे जब दो दॉंत एक दिन, गुड़िया रानी रोई (बाल कविता)*
*टूटे जब दो दॉंत एक दिन, गुड़िया रानी रोई (बाल कविता)*
Ravi Prakash
20. *कैसे- कैसे रिश्तें*
20. *कैसे- कैसे रिश्तें*
Dr .Shweta sood 'Madhu'
आज 31 दिसंबर 2023 साल का अंतिम दिन है।ढूंढ रहा हूं खुद को कि
आज 31 दिसंबर 2023 साल का अंतिम दिन है।ढूंढ रहा हूं खुद को कि
पूर्वार्थ
विश्वास🙏
विश्वास🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
"जीरो से हीरो"
Dr. Kishan tandon kranti
हिन्दी
हिन्दी
आशा शैली
ग़ज़ल
ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
मेरे घर के दरवाजे
मेरे घर के दरवाजे
Minal Aggarwal
उफ़  ये लम्हा चाय का ख्यालों में तुम हो सामने
उफ़ ये लम्हा चाय का ख्यालों में तुम हो सामने
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
GOOD EVENING....…
GOOD EVENING....…
Neeraj Agarwal
गरीब की दिवाली।।
गरीब की दिवाली।।
Abhishek Soni
नैया पार हो गई
नैया पार हो गई
संतोष बरमैया जय
ज़मीं पर जीने की …
ज़मीं पर जीने की …
sushil sarna
Love is some time ❤️
Love is some time ❤️
Otteri Selvakumar
यूँ झूटी कहावत का क्या फ़ायदा
यूँ झूटी कहावत का क्या फ़ायदा
Shilpi Singh
Loading...