टॉम एंड जेरी
मुझको है कार्टून में, जेरी बहुत पसंद।
सोच रही हूँ आज मैं, लिख दूँ दोहा छंद।।
जेरी छोटा सा मगर, बहुत बड़ा शैतान।
टाँगे खींचे टॉम की,पर बनता नादान।
एक दूसरे का सदा, जीना करे हराम-
जानी दुश्मन हैं मगर, इक दूजे के जान।
दाँत कटी ये दोस्ती,है रसना गुलकंद।
मुझको है कार्टून में, जेरी बहुत पसंद। ।
भागम-भागी में सदा, जेरी जाता जीत।
हार-जीत देखो नहीं, देखो उनकी प्रीत।
टॉम बिना जेरी नहीं, जेरी बिन न टॉम-
झगड़ा करते वे मगर, गाते मिलकर गीत।
सभी हरकते अटपटी ,कभी न करता बंद।
मुझको है कार्टून में, जेरी बहुत पसंद।
टॉम एंड जेरी कहो,दोनों दोस्त कमाल।
इन दोनों की दोस्ती,जग में बनी मिशाल।
दोनों की चालाकियाँ, लगती है दिलचस्प,
छेड़छाड़ शैतानियाँ, दौनो करे धमाल।
लोट-पोट हँसकर हुए, पाये अति आनंद।
मुझको है कार्टून में,जेरी बहुत पसंद।
वेधा सिंह