Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 May 2023 · 1 min read

टैगोर

राष्ट्रगान रचने वाले, एकला चलने वाले,
मानवता जन सेवा हित करने वाले।

दीन दुखियों के तुम नवनीत किरण,
करता है “अमन” कोटि कोटि-कोटि तुम्हें नमन।

जिस धरती ने रविंद्र लाल दिया,
भारत को मालामाल किया।

रचा गीतांजलि सा ग्रंथ महान,
मिला नोबेल विजेता का सम्मान।

संगीत काव्य,‌ कला, संस्कृति,
मानवता का पुजारी ,
गुरुदेव तुम्हें स्मरण समर्पित
करता हूं।
हे जन गन के अधिनायक,
श्रद्धांजलि तुम्हें अर्पित करता हूं।

दीन दुखियों के तुम नवनीत किरण,
करता है “अमन” कोटि-कोटि तुम्हें नमन।

जल रही है तुम्हारी धरती,
रक्तरंजित हो लाल है धरती।

“गुरुदेव” की प्यारी धरती,
मानवता की न्यारी धरती।

गुरुदेव लो तुम पुण: पवित्र अवतार,
दूर करो कुचक्र अंधकारमय पारावार।

सरस्वती के तुम वरद पुत्र, हर रस के तुम ज्ञाता महान,
कलाप्रेमी तुम शब्दों से खींच देते जड़ में भी प्राण।

दीन दुखियों के तुम नवनीत किरण,
करता है “अमन” कोटि-कोटि तुम्हें नमन।

Language: Hindi
1 Like · 220 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

धनुष वर्ण पिरामिड
धनुष वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
रुका तू मुद्दतों के बाद मुस्कुरा के पास है
रुका तू मुद्दतों के बाद मुस्कुरा के पास है
Meenakshi Masoom
अखबारी दानवीर
अखबारी दानवीर
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
अच्छा लगता है!
अच्छा लगता है!
Kirtika Namdev
छोटी छोटी चीजें देख कर
छोटी छोटी चीजें देख कर
Dheerja Sharma
रातें ज्यादा काली हो तो समझें चटक उजाला होगा।
रातें ज्यादा काली हो तो समझें चटक उजाला होगा।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
गांव का घर
गांव का घर
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
बेवफ़ा
बेवफ़ा
singh kunwar sarvendra vikram
गये ज़माने की यादें
गये ज़माने की यादें
Shaily
मद्य पान।
मद्य पान।
Kumar Kalhans
बुढ़ादेव तुम्हें नमो-नमो
बुढ़ादेव तुम्हें नमो-नमो
नेताम आर सी
अब बस बहुत हुआ हमारा इम्तिहान
अब बस बहुत हुआ हमारा इम्तिहान
ruby kumari
दो दिन की जिंदगानी रे बन्दे
दो दिन की जिंदगानी रे बन्दे
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
क्या कहें
क्या कहें
विजय कुमार नामदेव
*अपने बाल खींच कर रोती (बाल कविता)*
*अपने बाल खींच कर रोती (बाल कविता)*
Ravi Prakash
जिंदगी है तो तकलीफ तो होगी ही
जिंदगी है तो तकलीफ तो होगी ही
Ranjeet kumar patre
3042.*पूर्णिका*
3042.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
धरती के आगे
धरती के आगे
Chitra Bisht
सौंदर्य
सौंदर्य
OM PRAKASH MEENA
दूहौ
दूहौ
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
महादेव को जानना होगा
महादेव को जानना होगा
Anil chobisa
लिखें जो खत तुझे कोई कभी भी तुम नहीं पढ़ते !
लिखें जो खत तुझे कोई कभी भी तुम नहीं पढ़ते !
DrLakshman Jha Parimal
🙅मज़े की बात🙅
🙅मज़े की बात🙅
*प्रणय*
कोई यहां अब कुछ नहीं किसी को बताता है,
कोई यहां अब कुछ नहीं किसी को बताता है,
manjula chauhan
मेरा बचपन
मेरा बचपन
Dr. Rajeev Jain
बेटी - मुक्तक
बेटी - मुक्तक
लक्ष्मी सिंह
जो लोग धन को ही जीवन का उद्देश्य समझ बैठे है उनके जीवन का भो
जो लोग धन को ही जीवन का उद्देश्य समझ बैठे है उनके जीवन का भो
Rj Anand Prajapati
आकांक्षा पत्रिका समीक्षा
आकांक्षा पत्रिका समीक्षा
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
Today's Reality: Is it true?
Today's Reality: Is it true?
पूर्वार्थ
अच्छा नहीं होता बे मतलब का जीना।
अच्छा नहीं होता बे मतलब का जीना।
Taj Mohammad
Loading...