टेर पुकार
टेर पुकार
घनाक्षरी छंद
दया सिंधु दीनानाथ, दामोदर दिगपाल,
दुर्दशा दीनों की देख, दरद दुराइये ।
खौलता है रक्त वक्त देख सख्त नियम ले ,
मर रहे भक्त, उन्हें दवा पहुँचाइये।
कसिये शिकंजा अब ,मौत का पंजा न बढ़े,
जीवन की डोर मंजा, आश का लगाइये ।
भारत में भय का भयानक भरा है भूत,
भोलेनाथ भूतनाथ, आप ही भगाइए ।