टूट रही है आस
कोरोना के काल मे, हुए सभी कंगाल।
मंत्री, नेता मौज मे, गुरुजन ही बदहाल।।
गुरुजन ही बदहाल, चले ना कोई चारा।
बंद पड़े स्कूल, किए हैं सभी किनारा।
टूट रही है आस,”जटा”मत हिम्मत खोना।
है कुछ दिन की बात, मिटेगा अब कोरोना।।
जटाशंकर”जटा”
२३-०२-२०२१