टूटे नहीं है सपने __ कविता
सपने तो बहुत ,
देख रहा था मैं,
भविष्य सुंदर बनाऊंगा।
चांद या मंगल पर जाकर,
आशियाना सजाऊंगा।।
टूटे नहीं है सपने,
वक्त ने फिलहाल,
उनमें कुछ विराम
जरूर लगा दिया है।
मिट जाएगा यह अवरोध,
हे विश्वास मुझे,
सपने अधूरे,
एक दिन पूरे कर पाऊंगा।।
सपने आपके अपने
भी होंगे,
सबके ही होते है।
होना न निराश,
मै आपके सपने,
पूरे होते
देखना चाहूंगा।।
राजेश व्यास अनुनय