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11 Apr 2023 · 1 min read

टूटी जिसकी देह तो, खर्चा लाखों-लाख ( कुंडलिया )

टूटी जिसकी देह तो, खर्चा लाखों-लाख ( कुंडलिया )

टूटी जिसकी देह तो, खर्चा लाखों-लाख
समझो मत मिट्टी इसे, समझो यह मत राख
समझो यह मत राख, करोड़ों कीमत जानो
यह शरीर अनमोल, कीमती पुर्जे मानो
कहते रवि कविराय, समझ लो किस्मत फूटी
लाखों होंगे खर्च , देह जब जिसकी टूटी

रचयिता :रविप्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451

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