Sahityapedia
Login
Create Account
Home
Search
Dashboard
0
Notifications
Settings
Umender kumar
35 Followers
Follow
Report this post
27 Jul 2021 · 1 min read
टूटा दिल
टूट गया हूं शीशे सा,
अगर कोई समेटने भी आता है ना….
…उसको भी चुभ जाता हूं
उमेंद्र कुमार
Language:
Hindi
Tag:
कविता
Like
Share
1 Like
· 306 Views
Share
Facebook
Twitter
WhatsApp
Copy link to share
Copy
Link copied!
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Join Sahityapedia on Whatsapp
You may also like:
4117.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
ज़मीर मर गया सब का..और आत्मा सो गयी .....
shabina. Naaz
नज़्म _मिट्टी और मार्बल का फर्क ।
Neelofar Khan
सबका साथ
Bodhisatva kastooriya
मंजिलें
Santosh Shrivastava
सत्संग
पूर्वार्थ
रावण दहन हुआ पर बहराइच में रावण पुनः दिखा।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
"रेलगाड़ी"
Dr. Kishan tandon kranti
*बाल काले न करने के फायदे(हास्य व्यंग्य)*
Ravi Prakash
संस्कार और शिक्षा
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
दोहे- चार क़दम
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
गलतफहमी
Sanjay ' शून्य'
मतदान और मतदाता
विजय कुमार अग्रवाल
"शिक्षक दिवस "
Pushpraj Anant
बसंत पंचमी
Neeraj Agarwal
शिक्षा और संस्कार जीवंत जीवन के
Neelam Sharma
कभी मैं सोचता था कि एक अच्छा इंसान बनना चाहिए तो दुनिया भी अ
Jitendra kumar
कान्हा वापस आओ
Dr Archana Gupta
कहानी- "खरीदी हुई औरत।" प्रतिभा सुमन शर्मा
Pratibhasharma
जाना ही होगा 🙏🙏
तारकेश्वर प्रसाद तरुण
//•••कुछ दिन और•••//
Chunnu Lal Gupta
🙏 गुरु चरणों की धूल🙏
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
तू मुझको संभालेगी क्या जिंदगी
कृष्णकांत गुर्जर
रोते हुए को हॅंसाया जाय
Mahetaru madhukar
हमारी सोच में तुम थे,
Dr fauzia Naseem shad
रतन टाटा जी..!!
पंकज परिंदा
दु:ख का रोना मत रोना कभी किसी के सामने क्योंकि लोग अफसोस नही
Ranjeet kumar patre
कांटें हों कैक्टस के
Atul "Krishn"
55…Munsarah musaddas matvii maksuuf
sushil yadav
नाचेगी धरती, झुमेगा गगन,
Shashi kala vyas
Loading...