Sahityapedia
Login
Create Account
Home
Search
Dashboard
0
Notifications
Settings
manjula chauhan
19 Followers
Follow
Report this post
22 Feb 2024 · 1 min read
टूटते तारे से यही गुजारिश थी,
टूटते तारे से यही गुजारिश थी,
की सपना जहां होता कैसा है।
Competition:
Poetry Writing Challenge-2
Language:
Hindi
Like
Share
2 Likes
· 107 Views
Share
Facebook
Twitter
WhatsApp
Copy link to share
Copy
Link copied!
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Join Sahityapedia on Whatsapp
Books from manjula chauhan
View all
मधुकर श्रेणी
Manjula Chauhan
You may also like:
ਯਾਦਾਂ ਤੇ ਧੁਖਦੀਆਂ ਨੇ
Surinder blackpen
अवसाद
Dr. Rajeev Jain
शहर में आग लगी है उन्हें मालूम ही नहीं
VINOD CHAUHAN
यही जिंदगी
Neeraj Agarwal
पापा जी..! उन्हें भी कुछ समझाओ न...!
VEDANTA PATEL
"एकान्त चाहिए
भरत कुमार सोलंकी
*जमीं भी झूमने लगीं है*
Krishna Manshi
जिंदा मनुख
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
झूठा प्यार।
Sonit Parjapati
मुझे ना पसंद है*
Madhu Shah
कीमत
Ashwani Kumar Jaiswal
साथ चाहिए
पूर्वार्थ
प्रकृति में एक अदृश्य शक्ति कार्य कर रही है जो है तुम्हारी स
Rj Anand Prajapati
बाल्मीकि जयंती की शुभकामनाएँ
Dr Archana Gupta
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
“लिखें तो लिखें क्या ?”–व्यंग रचना
Dr Mukesh 'Aseemit'
घर आना दोस्तो
मधुसूदन गौतम
सरस्वती वंदना-5
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
भव- बन्धन
Dr. Upasana Pandey
क्यों तुम्हें याद करें
gurudeenverma198
अकेला हूँ ?
Surya Barman
"एकता का पाठ"
Dr. Kishan tandon kranti
#लिख_के_रख_लो।
*प्रणय*
प्यार और नौकरी दिनो एक जैसी होती हैं,
Kajal Singh
राज्याभिषेक
Paras Nath Jha
*श्री सुंदरलाल जी ( लघु महाकाव्य)*
Ravi Prakash
राम लला
Satyaveer vaishnav
कुछ भी भूलती नहीं मैं,
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
उस्ताद नहीं होता
Dr fauzia Naseem shad
धुप मे चलने और जलने का मज़ाक की कुछ अलग है क्योंकि छाव देखते
Ranjeet kumar patre
Loading...