टीस
टीस
सदैव दिल में तेरे रहना है मुझे ,
ऐसी ललक जाग रही है
तेरे लिए बहुत कुछ लिखना है
पर उंगली मेरी कांप रही है,
त्रुटिवश लिखा जाए
जो हो मुनासिब टूटा फूटा,
तुम उसे पढ़कर वाह वाह कह देना,
तुझे छुप छुप कर देखने से
मेरे दिल की धड़कनें तेज़ भाग रही है।।
: राकेश देवडे़ बिरसावादी