टारगेट कर पंडित सिख को,घाटी में गोली मारी
टारगेट कर पंडित सिख को, घाटी में गोली मारी
दहशत और वैमनस्य पैदा कर,भगाने की है तैयारी
बचे हुए जो सिख पंडित हैं कितने दहशत में होंगे?
टारगेटेड हिंसा में कैंसे मुश्किल में जीते होंगे?
घर दफ्तर या बीच सड़क पर कब गोली लग जाए?
कैंसे जान हथेली पर रखकर काम धन्धे पर जाए?
दहशत फैला कर बचे हुओं को
घाटी से बाहर भगाना है
टारगेट कर पंडित सिख को हत्याओं से और डराना है
कम हो रही थीं घटनाएं आतंक की साख बढ़ाना है
पाकिस्तानी एजेंडे को आगे इन्हें बढ़ाना है
सारे नेताओं को जेल में डालें ये पाकिस्तानी एजेंट हैं
छुपे हुए मंसूबों हैं इनके ये पालते मिलेटिरयंट हैं
यही नहीं चाहते शांति ये लोकल को उकसाते हैं
बारदात के बाद यही घड़ियाली आंसू बहाते हैं
अमन शांति कश्मीर की इनसे न देखी जाती है
जमीन खिसक गई है इनकी जो इन्हें नहीं भाती है
किसी भी कीमत पर अब नहीं पलायन हो
बचे हुए लोगों को सुरक्षा और भरोसा कायम हो
शीघ्र से शीघ्र विस्थापित लोगों का सुरक्षित घर बापिस हो
आर पार की हो जाए अब और नहीं देरी हो।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी