Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Dec 2021 · 1 min read

*इतरा रहा दीवार पर, टाँगा कलैंडर जो गया (गीत)*

इतरा रहा दीवार पर, टाँगा कलैंडर जो गया (गीत)
—————————————
इतरा रहा दीवार पर, टाँगा कलैन्डर जो गया
(1)
राजा कहो रानी कहो ,फिल्मी सितारों-सी अदा
अभिनंदनों की ढेर-सी अभिव्यक्तियों से है लदा
जग से मिले शुभ हर्षमय आभार से भर जो गया
(2)
बीता कलैन्डर देखता दीवार से उतरा हुआ
बोला यही होता है उसका हाल जो गुजरा हुआ
कब पूछते उसको ,अनुपयोगी हुआ मर जो गया
(3)
दीवार पर ही थी घडी टिक-टिक दिखी करती अभी
बोली न मैं नूतन – पुरातन भाव से डरती कभी
अविचल समय मैं एक शाश्वत हूँ न आकर जो गया
इतरा रहा दीवार पर टाँगा कलैन्डर जो गया
————————————————-
रचयिता: रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा
रामपुर (उ.प्र..) मोबाइल – 9997615451

Language: Hindi
Tag: गीत
131 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all
You may also like:
इतनी जल्दी दुनियां की
इतनी जल्दी दुनियां की
नेताम आर सी
" जब "
Dr. Kishan tandon kranti
गम और खुशी।
गम और खुशी।
Taj Mohammad
*साम्ब षट्पदी---*
*साम्ब षट्पदी---*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
एक महिला की उमर और उसकी प्रजनन दर उसके शारीरिक बनावट से साफ
एक महिला की उमर और उसकी प्रजनन दर उसके शारीरिक बनावट से साफ
Rj Anand Prajapati
यह तुम्हारी गलत सोच है
यह तुम्हारी गलत सोच है
gurudeenverma198
मैं नहीं तो कोई और सही
मैं नहीं तो कोई और सही
Shekhar Chandra Mitra
हाइकु-गर्मी
हाइकु-गर्मी
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
धैर्य और साहस
धैर्य और साहस
ओंकार मिश्र
बंधन खुलने दो(An Erotic Poem)
बंधन खुलने दो(An Erotic Poem)
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
23/99.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/99.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
वह बचपन के दिन
वह बचपन के दिन
Yogi Yogendra Sharma : Motivational Speaker
चरित्र राम है
चरित्र राम है
Sanjay ' शून्य'
बोलना खटकता है ! दुनिया को खामोश हुआ, जबसे, कोई शिकवा नहीं ।
बोलना खटकता है ! दुनिया को खामोश हुआ, जबसे, कोई शिकवा नहीं ।
पूर्वार्थ
जुगनू का कमाल है रातों को रोशन करना,
जुगनू का कमाल है रातों को रोशन करना,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मैं ताउम्र तुम से
मैं ताउम्र तुम से
हिमांशु Kulshrestha
मन का महाभारत
मन का महाभारत
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
राम के नाम को यूं ही सुरमन करें
राम के नाम को यूं ही सुरमन करें
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
புறப்பாடு
புறப்பாடு
Shyam Sundar Subramanian
تونے جنت کے حسیں خواب دکھائے جب سے
تونے جنت کے حسیں خواب دکھائے جب سے
Sarfaraz Ahmed Aasee
ज़िंदगी चाँद सा नहीं करना
ज़िंदगी चाँद सा नहीं करना
Shweta Soni
जी हमारा नाम है
जी हमारा नाम है "भ्रष्ट आचार"
Atul "Krishn"
यूं ही कह दिया
यूं ही कह दिया
Koमल कुmari
जै जै जै गण पति गण नायक शुभ कर्मों के देव विनायक जै जै जै गण
जै जै जै गण पति गण नायक शुभ कर्मों के देव विनायक जै जै जै गण
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
बताती जा रही आंखें
बताती जा रही आंखें
surenderpal vaidya
सहारे
सहारे
Kanchan Khanna
😊
😊
*प्रणय प्रभात*
*मस्ती बसती है वहॉं, मन बालक का रूप (कुंडलिया)*
*मस्ती बसती है वहॉं, मन बालक का रूप (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
कड़वा बोलने वालो से सहद नहीं बिकता
कड़वा बोलने वालो से सहद नहीं बिकता
Ranjeet kumar patre
अहसास तेरे होने का
अहसास तेरे होने का
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
Loading...