टमाटर तुझे भेजा है कोरियर से, टमाटर नही मेरा दिल है…
मेरी कलम से…
आनन्द कुमार
टमाटर तुझे भेजा है कोरियर से,
टमाटर नही मेरा दिल है,
प्रियतम मेरे तुम मुझको लिखना,
क्या यह तुम्हारे काबिल है,
प्यार छिपा है टमाटर में इतना,
जितने धनिया में सोया,
चुम ही लेता हाथ तुम्हारा,
पास जो तुम मेरे होती,
टमाटर तुझे भेजा है कोरियर से,
टमाटर नही मेरा दिल है,
नींद तुम्हें तो आती होगी,
जो तुमने देखा टमाटर का सपना,
आँख खुली तो तन्हाई थी,
टमाटर हो न सका अपना,
महंगाई हम दूर करेंगे,
ले आओ तुम मेरी सरकार,
प्रीत लगाके भूल न जाना,
प्रीत तुम्हीं ने सिखलाई,
टमाटर तुझे भेजा है कोरियर से,
टमाटर नही मेरा दिल है,
टमाटर से मन भरता ही नहीं,
जब सस्ता हो तो चैन मिले,
महंगाई मेरे देश से दूर भागे,
कोई तो ऐसी रैन मिले,
टमाटर, अदरक और लहसुन,
कैसे हो सस्ता है कोई उपाय लिख दो,
उम्मीद लगाए बैठे हैं हम,
कब सस्ता होंगे यह लिख दो,
टमाटर तुझे भेजा है कोरियर से,
टमाटर नही मेरा दिल है…