** टप टप पानी **
. टप टप पानी बह रहा है
न जाने ये क्या कह रहा है
कहीं वियोगिनी की आँखों से
कहीं बादल की बाहों से न जाने
टप टप ये क्यूं बह रहा है
प्रियतम की प्रियतमा से
संकेतो ही संकेतो में न
जाने यह क्या कह रहा है
दिल में इक झरना सा
बह रहा है बह रहा है
न जाने दिल को क्या
कह रहा है कह रहा है
टप टप जो ये पानी बह रहा है।
?मधुप बैरागी