*झेलता दामाद को (हिंदी गजल/गीतिका)*
झेलता दामाद को (हिंदी गजल/गीतिका)
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(1)
झेलता शादी से पहले, झेलता कुछ बाद को
बाप बेटी का हमेशा , झेलता दामाद को
(2)
यह जवानी लौटकर, वापस नहीं फिर आएगी
चित्र में रखना सहेजे, इस मधुरतम याद को
(3)
कार्यकर्ता थक गए, नारे जलूसों में लगा
याद रखता कौन नेता, उनके जिंदाबाद को
(4)
पेड़ अपनी योग्यता से, सिर्फ कब आगे बढ़ा
श्रेय देना चाहिए, उसको हमेशा खाद को
(5)
भ्रष्ट हैं नेता सभी, नेता सभी हैं मतलबी
भूलिए दो-चार के, केवल किसी अपवाद को
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रचयिताः रविप्रकाश
बाजार सर्राफा , रामपुर (उ.प्र.)
मो. 9997615451