झूलें नंदकिशोर
हरियाली लेकर पुन:, आया सावन मास ।
सखियाँ झूला झूलतीं,मन मे भर उल्लास ।।
यही सोच कर जोड़ती, सावन मे प्रभु हाथ ।
झूलें झूला झूमकर,… . प्रियतम मेरे साथ ।।
झूलें झूला संग मे,….. यूँ मेरे चितचोर ।
ज्यों राधा के साथ मे,झूलें नन्दकिशोर ।।
रमेश शर्मा.