झूला
है जीवन
झूला जैसा
कभी ऊपर तो
कभी नीचे जैसा
है कभी
चढ़ाव है
जीवन में
तो कभी है
उतार
जिन्दगी में
देता है
सबक झूला
जीवन में
कभी तेजी से
तो
कभी धीमी
चलती है
जिन्दगी
रूके नहीं
गति
जीवन में
चलायमान रहे
जिन्दगी
देता है संदेश
झूला
जीवन में
राधा बिन
किशन है
अधूरा
झूला बिन
अधूरा है
वृन्दावन
रखें संतुलन
जिन्दगी में
ज्यों झूला
जीवन में
स्वलिखित
लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल