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26 Jun 2019 · 1 min read

झूठ बोलते बोलते,सच को छिपाते गये —आर के रस्तोगी

झूठ बोलते बोलते ,सच को छिपाते गये |
क्योकि लोगो की जवां पर ताले पड गये ||

थक गये राहो में चलना है मुश्किल |
क्योकि उनके पाँवो में छाले पड़ गये ||

कर लेते हम प्यार, करना है मुश्किल |
क्योकि लोगो के दिल, काले पड गये ||

दूभर है जिन्दगी,काटना है मुश्किल |
अब तो शुद्ध हवा के भी लाले पड गये ||

नफरतो के जालो में हम ऐसे फस गये |
क्योकि बंद दिलो में भी जाले पड़ गये ||

रस्तोगी को भी लिखना है बड़ा मुश्किल |
क्योकि उसकी कलम में छाले पड़ गये ||

आर के रस्तोगी
मो 9971006425

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