Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Sep 2021 · 1 min read

झूठ के आगे सच अक्सर?

झूठ के आगे सच अक्सर?
हार जाता है?

सच को झूठ फिर झूठी बातों को ही?
सभी सच मान जाता है?
शायर©किशन कारीगर

Language: Hindi
Tag: शेर
356 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Kishan Karigar
View all
You may also like:
मुक्तक
मुक्तक
जगदीश शर्मा सहज
हम अक्षम हो सकते हैं
हम अक्षम हो सकते हैं
*Author प्रणय प्रभात*
हौसला
हौसला
Monika Verma
वो ज़िद्दी था बहुत,
वो ज़िद्दी था बहुत,
पूर्वार्थ
2574.पूर्णिका
2574.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
"अजब-गजब मोहब्बतें"
Dr. Kishan tandon kranti
हम साथ साथ चलेंगे
हम साथ साथ चलेंगे
Kavita Chouhan
रामभरोसे चल रहा, न्यायालय का काम (कुंडलिया)
रामभरोसे चल रहा, न्यायालय का काम (कुंडलिया)
Ravi Prakash
शुभ प्रभात मित्रो !
शुभ प्रभात मित्रो !
Mahesh Jain 'Jyoti'
हाइकु: गौ बचाओं.!
हाइकु: गौ बचाओं.!
Prabhudayal Raniwal
उपहार
उपहार
Dr. Pradeep Kumar Sharma
* नहीं पिघलते *
* नहीं पिघलते *
surenderpal vaidya
💐प्रेम कौतुक-513💐
💐प्रेम कौतुक-513💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
Safed panne se rah gayi h meri jindagi
Safed panne se rah gayi h meri jindagi
Sakshi Tripathi
रे ! मेरे मन-मीत !!
रे ! मेरे मन-मीत !!
Ramswaroop Dinkar
चैन क्यों हो क़रार आने तक
चैन क्यों हो क़रार आने तक
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
मन-मंदिर में यादों के नित, दीप जलाया करता हूँ ।
मन-मंदिर में यादों के नित, दीप जलाया करता हूँ ।
Ashok deep
रक्षाबंधन
रक्षाबंधन
Dr Archana Gupta
आप समझिये साहिब कागज और कलम की ताकत हर दुनिया की ताकत से बड़ी
आप समझिये साहिब कागज और कलम की ताकत हर दुनिया की ताकत से बड़ी
शेखर सिंह
वह फूल हूँ
वह फूल हूँ
Pt. Brajesh Kumar Nayak
न मिलती कुछ तवज्जो है, न होता मान सीधे का।
न मिलती कुछ तवज्जो है, न होता मान सीधे का।
डॉ.सीमा अग्रवाल
सेवा या भ्रष्टाचार
सेवा या भ्रष्टाचार
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
देव्यपराधक्षमापन स्तोत्रम
देव्यपराधक्षमापन स्तोत्रम
पंकज प्रियम
मेरी फितरत
मेरी फितरत
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
फ़ना
फ़ना
Atul "Krishn"
भरमाभुत
भरमाभुत
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
टमाटर तुझे भेजा है कोरियर से, टमाटर नही मेरा दिल है…
टमाटर तुझे भेजा है कोरियर से, टमाटर नही मेरा दिल है…
Anand Kumar
आदतों में तेरी ढलते-ढलते, बिछड़न शोहबत से खुद की हो गयी।
आदतों में तेरी ढलते-ढलते, बिछड़न शोहबत से खुद की हो गयी।
Manisha Manjari
महंगाई
महंगाई
Surinder blackpen
जय जय हिन्दी
जय जय हिन्दी
gurudeenverma198
Loading...