ऐलान-ए-हक़
अब तो वही इस देश में रहेगा
जो आधा-अधूरा सच ही कहेगा…
(१)
जिसने आंखों देखा हाल कहा
वह तो बेशक बेमौत ही मरेगा…
(२)
हुक़ूमत से हाथ मिला ले वर्ना
तू ख्वामखाह जेल में सड़ेगा…
(३)
एक भगतसिंह पूरी व्यवस्था से
अब आख़िर कितनी देर लड़ेगा…
(४)
कोई तो समझाए सुकरात को
उसे यह सौदा महंगा पड़ेगा…
(५)
यहां जो भी करेगा ऐलाने-हक़
वह मंसूर की तरह सूली चढ़ेगा…
#Geetkar
Shekhar Chandra Mitra
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