झुक जाओ
झुका हूं मै तुम भी झुक जाओ
प्रेम मे प्रतिष्ठा प्रश्न मत उठाओ
चूक हम से, दोनो हकदार हैं
दोषी दोनो बने सच है बताओ
गलत है तो है, चाहे सब करें
सही है तो है, अब मान जाओ
मान रखो मेरा, रखूंगा तुम्हारा
मधुरता रहे, मन महकाओ
आज नही आगे योजना बनाऐं
भविष्य सुखद सरल बनाओ
जो हुआ सो हुआ, न होने पाये
राह एकदूजे से सबको बताओ
स्वरचित
मौलिक
सर्वाधिकार सुरक्षित
अश्वनी कुमार जायसवाल कानपुर