Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 May 2024 · 1 min read

झुकता आसमां

** झुकता आसमां **

न जाने किन उम्मीदों से मिल जाता हूं ,
बस जिंदगी यूं ही मैं जी जाता हूं ।
पल पल बदलती ज़िन्दगी के,
हर दौर से मैं मिल जाता हूं ।

माना वक्त फिसल जाता हैं ,
ताजगी का दौर गुजर जाता है ।
ढलती हर शाम में अब मैं ढल जाता हूं
मुश्किलों से अब मैं उबर जाता हूं ।

न जाने किन उम्मीदों से मिल जाता हूं ,
बस जिन्दगी यूं ही मैं जी जाता हूं ।

हौसले माना आसमां दिखलाता है ,
नसीब भी हर बात समझाता है .
तकदीर की हर बात अब मैं समझ जाता हूं ,
बस जिंदगी यूं ही मैं जी जाता हूं ।
-शेखर सिंह

Language: Hindi
114 Views

You may also like these posts

*छह माह (बाल कविता)*
*छह माह (बाल कविता)*
Ravi Prakash
शांति से खाओ और खिलाओ
शांति से खाओ और खिलाओ
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
" वरदहस्त "
Dr. Kishan tandon kranti
बढ़ता कदम बढ़ाता भारत
बढ़ता कदम बढ़ाता भारत
AMRESH KUMAR VERMA
जो मन बुद्धि का सार्थक उपयोग करना जान लिया, असल मायने में वह
जो मन बुद्धि का सार्थक उपयोग करना जान लिया, असल मायने में वह
Ravikesh Jha
***** शिकवा  शिकायत नहीं ****
***** शिकवा शिकायत नहीं ****
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
अगर दिल में प्रीत तो भगवान मिल जाए।
अगर दिल में प्रीत तो भगवान मिल जाए।
Priya princess panwar
एक दिन
एक दिन
हिमांशु Kulshrestha
तन्हा....
तन्हा....
sushil sarna
🌹पत्नी🌹
🌹पत्नी🌹
Dr .Shweta sood 'Madhu'
खुद के साथ ....खुशी से रहना......
खुद के साथ ....खुशी से रहना......
Dheerja Sharma
भावुक हृदय
भावुक हृदय
Dr. Upasana Pandey
◆कुटिल नीति◆
◆कुटिल नीति◆
*प्रणय*
आक्रोश - कहानी
आक्रोश - कहानी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
ये ताकत जो बक्सी तुझे कुदरत ने , नशे में न झोंको उबर जाओ भाई
ये ताकत जो बक्सी तुझे कुदरत ने , नशे में न झोंको उबर जाओ भाई
Vijay kumar Pandey
ज़रूरतों  के  हैं  बस तकाज़े,
ज़रूरतों के हैं बस तकाज़े,
Dr fauzia Naseem shad
अकथ कथा
अकथ कथा
Neelam Sharma
बाल एवं हास्य कविता: मुर्गा टीवी लाया है।
बाल एवं हास्य कविता: मुर्गा टीवी लाया है।
Rajesh Kumar Arjun
डिग्रियां तो मात्र आपके शैक्षिक खर्चों की रसीद मात्र हैं ,
डिग्रियां तो मात्र आपके शैक्षिक खर्चों की रसीद मात्र हैं ,
Lokesh Sharma
मैं  गुल  बना  गुलशन  बना  गुलफाम   बना
मैं गुल बना गुलशन बना गुलफाम बना
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
मैं चाहता हूं इस बड़ी सी जिन्दगानी में,
मैं चाहता हूं इस बड़ी सी जिन्दगानी में,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
बुंदेली हास्य मुकरियां
बुंदेली हास्य मुकरियां
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
मशहूर तो भले ही ना हुये हैं हम, मगर
मशहूर तो भले ही ना हुये हैं हम, मगर
Shinde Poonam
दोहा छंद ! सावन बरसा झूम के ,
दोहा छंद ! सावन बरसा झूम के ,
Neelofar Khan
Connectivity of a nature is a dexterity of the future.
Connectivity of a nature is a dexterity of the future.
Rj Anand Prajapati
उसने सिला हमको यह दिया
उसने सिला हमको यह दिया
gurudeenverma198
4357.*पूर्णिका*
4357.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जीवन का हिसाब
जीवन का हिसाब
Indu Singh
- शिक्षा को सबको मिले समान अधिकार -
- शिक्षा को सबको मिले समान अधिकार -
bharat gehlot
जब मुझको कुछ कहना होता अंतर्मन से कह लेती हूं ,
जब मुझको कुछ कहना होता अंतर्मन से कह लेती हूं ,
Anamika Tiwari 'annpurna '
Loading...