*झील-झरने सब पर्वत 【कुंडलिया】*
झील-झरने सब पर्वत 【कुंडलिया】
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पर्वत नदियाँ पेड़ हैं , ईश्वर का शुभ रूप
चंदा – सूरज देख लो , देखो बादल – धूप
देखो बादल – धूप , उड़ रहे पक्षी गाते
दिखतीं सुंदर मत्स्य , कुलाँचे हिरन लगाते
कहते रवि कविराय ,प्रकृति के सम्मुख हो नत
जगह ध्यान-अनुकूल , झील-झरने सब पर्वत
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रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451