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14 Jul 2020 · 1 min read

झींक आने लगी

***** झींक आने लगी *****
***********************

पौह की ठंड में वो बुलाने लगी
मुझे सर्दी लगी जान जाने लगी

उस वाक्या हम जिक्र कैसे करें
शुरू करते शर्म सी आने लगी

अर्द्ध सर्द रात हमें न्यौता दिया
वो आई नहीं , नींद आने लगी

हमने पूछा हुआ ये क्या माजरा
नींद में थी कह मुस्कराने लगी

तेरी उल्फत में हम हैं अन्धे हुए
हमारी नैया डूब जाने लगी

तेरी हरकत से ठंड ने आ घेरा
थोड़ी सी अक्ल मुझे आने लगी

सुखविंद्र भूल न पाए मोहब्बत
याद आए तो झींक आने लगी
***********************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

3 Likes · 2 Comments · 258 Views
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