झरने
कर संघर्ष पाषाणों से
मधुर संगीत सुनाते झरने
कल – कल कल – कल गीत सुनाते
आगे बढ़ते जाते झरने ।
कभी न रुकते कभी न थकते
हिम्मत हैं बरसाते झरने
सूनी सूनी गिरि राहों में
मंगल भाव जगाते झरने ।
मन से निर्मल तन से द्रवित
पत्थर पर प्रेम लुटाते झरने
कर स्पर्श शिलाखंडों को
जलमय उन्हें बनाते झरने ।
डॉ रीता
एफ 11 , फेज़ 6
आया नगर , नई दिल्ली
110047