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22 Jan 2021 · 1 min read

जज़्बातों का सैलाब

दीवाने लौट आ , कुछ नही मिलेगा
यहाँ मज़ा कम , आवाज़ ज्यादा है ।।

जज़्बातों का सैलाब है , इनसे नहीं संभलेगा
यहाँ नशा कम , शराब ज्यादा है ।।

गिलासों की गिनती , सराफत से करना
यहाँ जाम काम , हिसाब ज्यादा है ।।

नादान ना समझना, मूंछों के बालों को देखकर
उम्र कम , अनुभव ज्यादा है ।।

गुफ़्तगू फ़ुरसत से करना , जल रही है लौ परवाने
यहाँ वक्त कम , जलना ज्यादा है ।।

जाम के पैमाने तुम्हारे , झलक रहें है ऊपर से
इनमें शराब कम , पानी ज्यादा है ।।

नशे की महफ़िल है ,नशा तो होगा ही
आँखों में कम , जवानी में ज्यादा है ।।

हर किसी की आँखों में, ख़ामोश समंदर है
यहाँ नींद कम , ख़्वाब ज्यादा है ।।

जुगनू बन जल रहे हैं सब, अँधेरी राहों पर आगे बढ़ रहे सब
यहाँ चमक कम , रिस्क ज्यादा है ।।

Language: Hindi
1 Like · 6 Comments · 229 Views
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