ज्योत से ज्योत मिल गई ..
एक कर दी यदि ज्योत से ज्योत ,
अमर जवान ज्योति और शहीद स्मारक ,
तो उन्होंने कौन सा गुनाह कर दिया ।
बल्कि कुछ गुमनाम वीर सिपाहियों के ,
बलिदान का देश को स्मरण करवाया ।
उनका भी तो था कुछ महत्वपूर्ण योगदान,
जिसको पिछली सरकार ने भुला दिया ।
आदरणीय प्रधानमंत्री मोदी जी के अथक ,
प्रयासों ने उनका नाम इतिहास के पन्नो ,
से शहीद स्मारक पर स्वर्ण अक्षरों से लिखवाया ।
किसी वीर सैनिक के बलिदान की कीमत ,
क्या होती है सारी जनता को एहसास करवाया।
नत मस्तक होते है हम इनकी महानता पर ,
जिन्होंने सदा जीवन में वीर सैनिकों के बलिदान ,
के समक्ष शीश झुकाया।