** ज्योति से याराना कर लो **
बाहरी चकाचौंध से अब
मेरे यारों किनारा कर लो
अब दिल में घुप अंधेरा है
ज्योति से याराना कर लो ।।
?मधुप बैरागी
कितना खुशनुमा माहोल है
अपनी धुन में मशगूल है
गर्मी से निजात पाने को
कुछ देर सूरज को भी तो
महफ़िल में बुलाया जाय।।
?मधुप बैरागी