*ज्यादा दिन तक धोखा देना कभी नहीं चल पाता है (हिंदी गजल/ गीतिका)*
ज्यादा दिन तक धोखा देना कभी नहीं चल पाता है (हिंदी गजल/ गीतिका)
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1
ज्यादा दिन तक धोखा देना कभी नहीं चल पाता है
कुटिल व्यक्ति अपने कुचक्र में फॅंस कर फिर पछताता है
2
कई बार निर्वहन रिवाजों का भी अच्छा लगता है
कई बार पग किसी नई पगडंडी को अपनाता है
3
एक बार अपने मन में दृढ़ निश्चय करके तो देखो
तुम पाओगे कठिन सफलता से समीप का नाता है
4
कहॉं रहे हैं व्यक्ति जगत में सौ वर्षों से ज्यादा तक
पर उनका कर्मठ जीवन पद-चिह्न छोड़कर जाता है
5
कुछ अद्भुत बात रही होगी जो जग ने याद किया है
सब लोग कह रहे हैं ऐसा जन युगों बाद आता है
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रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 999761 5451